> '/> भारतीय दण्ड संहिता 1860 धारा 174- IPC section 174.

भारतीय दण्ड संहिता 1860 धारा 174- IPC section 174.

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भारतीय दण्ड संहिता 1860 धारा 174- IPC section 174


 भारतीय दण्ड संहिता 1860 धारा 174-


 जब कोई व्यक्ति किसी सरकारी नोटिस का पालन नहीं करता तो उस व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता में किस तरह की कार्यवाही की जा सकती है और किस धारा के तहत एफआईआर दर्ज किया जा सकती है।

अक्सर ऐसा  देखा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी सरकारी अधिकारी नोटिस सूचना देता है, और अपना बयान या फिर किसी भी तरह का कथन दर्ज करवाते हैं। पर कुछ व्यक्ति ऐसे  आदेशों को अनदेखा कर देते हैं , और उससे संबंधित अधिकारी भी इस बात को संज्ञान नहीं लेते हैं ।


कि वह व्यक्ति जो   ऐसे  आदेश का पालन जानबूझकर नहीं करता या फिर समय पर नहीं आता है , ती ऐसे  व्यक्ति पर भी मामला दर्ज किया जा सकता है । 


भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 174 के अनुसार - 


अगर कोई व्यक्ति कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं  करता है । निम्न आधारों पर - 

 पहली बार कोर्ट से भेजी गई लिखित सूचना का पालन  न करना । और 

 दूसरा जब  किसी भी लोक सूचना का आदेश का दिया गया हो और उसका पालन ना करना ।

 

 इस धारा के अन्तर्गत किए गए अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं।

 इनकी सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है । 

 

इस अपराध के लिए सजा -


इस अपराध की सजा को दो भागों में बांटा गया है , 


1. किसी सरकारी अधिकारी या फिर कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर , ऐसा करने वाले को 

एक  महीने का कारावास और ₹500 का जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है। 


2. कोर्ट के द्वारा भेजे गए नोटिस को प्राप्त करने पर भी कोर्ट में उपस्थित ना होना , ऐसा करने वाले व्यक्ति को तीन साल का करावास और 3000 रूपए के जुर्माने से दंडित किया जाता है ।


उदाहरण के लिए -


Kishan pal vs state of  Punjab - 


इस केस में आरोपी मजिस्ट्रेट के द्वारा दिए गए सम्मन के अनुपालन के लिए लगभग 10:00 बजे कोर्ट में हाजिर हुआ, लेकिन वह मजिस्ट्रेट आने से पहले ही कोर्ट से वापस चला गया,  इसलिए उसे धारा 174 के अंतर्गत  दोषी माना गया ।


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