> '/> IPC धारा 283 क्या है ? IPC ki dhara 283 kya hai ?

IPC धारा 283 क्या है ? IPC ki dhara 283 kya hai ?

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 You are welcome once, your own website, today we will talk about IPC section 190 of the Indian penal court. What is it? It gives citizens rights to cones.

भारतीय दण्ड संहिता 1860 -

IPC धारा 283 क्या है  IPC ki dhara 283  kya hai


धारा - 283 -


लोक मार्ग या नौपरिवहन पथ में संकट या बाधा -


कोई व्यक्ति सड़क पर या फिर यातायात के मार्ग में बाधा उत्पन्न करता है , तो उसके लिए जिस तरह से एफ आई आर को दर्ज की जाती है ,  और इसमें कितने साल की सजा का प्रावधान किया गया है ।


अक्सर यह देखा गया है कि कोई व्यक्ति मार्ग में बाधा उत्पन्न कर देता है , जिससे  कुछ  कार्यों को रोकना पड़ जाता है , कभी-कभी तो कोई वाहन चालक बीच रोड पर ही अपनी गाड़ी को खड़ा कर देता है, और उस खड़ी गाड़ी के कारण सार्वजनिक रोड पर जाम लग जाता है। तब उस जाम लगाने वाले व्यक्ति के ऊपर भी मुकदमा दायर किया जा सकता है। 


भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 283 के अनुसार -

अगर कोई व्यक्ति कोई भी ऐसा कार्य करता है , जिससे गाड़ियों को निकलने में परेशानी हो  सामना सार्वजनिक सड़क पर बाधा उत्पन्न हो,  जिससे कि जनसाधारण को परेशानी हो , या फिर किसी भी सार्वजनिक रास्ते को रोककर रखना , या अपने कब्जे में करना,  जिससे अन्य लोगो को आने जाने में परेशानी हो । तो यह सब एक प्रकार का अपराध  होता है ।


इस अपराध को करने वाले व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान - 

आईपीसी की धारा 283 के तहत अगर सजा की बात करें तो यह अपराध संज्ञेय अपराध और  जमानती अपराध होते हैं। 

इनकी सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट के द्वारा की जा सकती है।  इस अपराध के लिए ₹200 का जुर्माना लगाया जा सकता है ।


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