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You are welcome once, your own website, today we will talk about IPC section 190 of the Indian penal court. What is it? It gives citizens rights to cones.
भारतीय दण्ड संहिता 1860 -
धारा 295 A -
किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना -
कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी के धर्म या धार्मिक रीति- रिवाज या उसके खिलाफ या फिर किसी धार्मिक महापुरुष के अपमान और उनकी मानहानि के मामले बहुत कम नजर आया करते थे।
परन्तु अब मीडिया के आने के बाद किसी भी तरह और उसके रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाना तो जैसे फैशन के रूप में सफल होता जा रहा है ।
पुलिस लगातार ऐसी बातों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है ।
एक सामान्य व्यक्ति और धर्म विशेष के अनुयायियों द्वारा अन्य धार्मिक रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाने की स्तिथि में कानूनी कार्यवाही का प्रयोग किया जाता है।
इस अपराध के लिए सजा का प्रावधान -
इस अपराध के लिए सजा भी प्रावधानित को गई है अगर किसी भी धर्म के बारे में मौखिक , लिखित या फिर वीडियो के द्वारा या फिर अन्य किसी भी माध्यम से ठेस पहुंचाता है, या फिर किसी भी गलत या बदले की भावना से जानबूझकर किसी भी धर्म का अपमान करता है। या किसी भी धर्म विशेष के बारे में जानबूझकर गलत शब्दों का उपयोग करके कोई भी पब्लिकेशन प्रकाशित करता है,तो यह सब करना एक अपराध माना जाएगा । और इस अपराध के लिए उसे दंडित भी किया जाएगा ।
परन्तु किसी भी धर्म का प्रचार प्रसार करना एक प्रकार का संवैधानिक अधिकार है । यह किसी भी तरह का कोई दंडनीय अपराध नहीं है।
भारत के बाहर से धर्म या फिर विदेश से धर्म पर टिप्पणी करना दंडनीय अपराध नहीं माना गया है , संबंधित राज्य को केंद्र सरकार से पहले अनुमति प्राप्त करना जरूरी है। तब जाकर कोर्ट द्वारा धारा 295 A के अपराध का संज्ञान लिया जाएगा ।
दण्ड का प्रावधान -
भारतीय दंड संहिता की धारा 295 A के अनुसार -
यह अपराध किसी भी तरह से समझौता योग्य नहीं होता है, यह अपराध संज्ञेय और अमानवीय अपराध होता है । प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा इसकी सुनवाई और कार्यवाही की जाती है ।
इस तरह के अपराध में 3 साल का कारावास या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 295 धारा तब लागू होती है - जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी दूसरे धर्म विशेष या फिर विशेष धर्म के पूजनीय व्यक्ति के बारे में जानबूझकर गलत उच्चारण किया जाता है। जैसे - लाउडस्पीकर पर उनके लिए गलत शब्दों का उपयोग किया जाता है । तब ऐसे व्यक्ति के खिलाफ धारा 295 के तहत उसे अपराधी माना जाएगा ।
उदाहरणतया -
रामू नामक व्यक्ति किसी दूसरे धर्म के बारे में लोगों को जानबूझकर गलत जानकारी देता है , और जानबूझकर उस धर्म का अपमान करता है, तो वह गलत लिखता है और गलत वीडियो भी सोशल मीडिया पर भेजता रहता है। तो इस प्रकार से इसे विशेष धर्म के मान सम्मान को ठेस पहुंचती है । और इसलिए यहां रामू पर धारा 295 लागू होगी।
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