> '/> I.P.C. की धारा 34 कया है? I.P.C section 34 kya hai?

I.P.C. की धारा 34 कया है? I.P.C section 34 kya hai?

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 You are welcome once, your own website, today we will talk about IPC section 34 of the Indian penal court. What is it? It gives citizens rights to cones.

 I.P.C. की धारा 34 कया है? I.P.C section 34 kya hai?

I.P.C. की धारा 34 कया है I


सामान्य आशय -

* समान्य आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों के द्वारा किए गए कार्य,-


 I.P.C section 34


कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की हत्या कर देता है लेकिन अपने आप उसमें शामिल नहीं होता है,और  उसको इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती है, लेकिन वह उसमें साथ नहीं होता है , तो क्या उस व्यक्ति को भी हत्या का दोषी माना जाएगा ?


अक्सर ऐसा पाया जाता है  कि जब कोई अपराध घटित होता है ,तब F.I.R में अपराध से संबंधित धाराओं के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 34 को भी जोड़ दिया जाता है ,इसको दूसरी अन्य धाराओं के साथ क्यों जोड़ा जाता है ? 


किसी व्यक्ति के साथ अगर कोई अपराध घटित होता है , तब हम  धारा 34 को किस कारण से दूसरी अन्य धाराओं के साथ जोड़  सकते हैं । 


Section 34 in I.P.C 1860 के अनुसार -


भारतीय दंड संहिता  1860 की धारा 34 यह उपबंधित करती है कि -


जब कि कोई अपराधिक कार्य कई व्यक्तियों के द्वारा सबके सामान्य आशय को अग्रसर करने में किया जाता है , तब ऐसे व्यक्तियों में से हर व्यक्ति उस कार्य के लिए  उसी प्रकार दायित्व के अधीन है मानो वह कार्य अकेले उसी ने किया हो ।  


तब सामान्य आशय का अपराध घटित होता  है ,यदि अगर  ना भी हो तब भी उस अपराध की मुख्यधारा के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 34 को जोड़ दिया जाता है।


भारतीय दंड संहिता  की धारा 34 के अनुसार -


अगर  कोई व्यक्ति समान उद्देश्य के लिए कोई काम करता है या अपराध करता है उसका साथ देने वाले सभी  व्यक्ति अपराधी होंगे ,और सभी को एक समान सजा भी दी जाएगी ।

भारतीय दंड संहिता की धारा 34 को सिद्ध करने के लिए यह आवश्यक है कि  सभी व्यक्तियों का आपस में  एक दूसरे के  साथ  किसी न किसी प्रकार से सम्बंध होना  चाहिए । प्रत्येक व्यक्ति ने  किसी ना किसी तरह से उसमें भाग लिया हो । 


 तेईस राम बनाम स्टेट  के मामले में-


 आरोपियों ने मृतक पर तेज धार वाले हथियारों और लाठियों से हमला कर दिया एक आरोपी के पास तेज धार वाला हथियार था ,जबकि दूसरे के पास केवल लाठी थी। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार हत्या धारदार हथियार के साथ की गई थी।

 अतः भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के अंतर्गत हत्या के लिए दोषी ठहराया|


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