सर्वोच्च न्यायालय क्या है?-
संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन संघात्मक संविधान का मूल तत्व है | यह विभाजन एक लिखित संविधान द्वारा होता जिसको बनाये रखने के लिए संविधान के उपबंधो की सही व्याख्या आवश्यक है ऐसी व्याख्या किसी ऐसी संस्था के ही द्वारा ही संभव है जो केन्द्रीय और राज्यों के बीच विवाद को निपटा सके |
भारतीय संविधान के अंतर्गत यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय ( supreme court ) को दी गई है जिसको सविंधान के उपबंधो की व्याख्या के सविंधान में अंतिम निर्णय देने का
प्राधिकार है| इसलिए सर्वोच्च न्यायालय को सविंधान का संरक्षक कह गया
है| वह न केवल संविधान वरन नागरिको के अधिकारो
का भी संरक्षक है | वह सामाजिक हित एंव व्यक्तिगत हितो के बीच सामंजस्य
स्थापित करने का कार्य करता है| सर्वोच्च न्यायालय
सिविल एंव फौजदारी के मामलो का सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय है| उसके निर्णय सभी
अधीनस्थ न्यायालयों पर बाध्य करी है|
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भारत के उच्चतम न्यायालय की स्थापना| -
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अनुच्छेद 124 -
अनुच्छेद
124 भारत के उच्चतम न्यायालय की
स्थापना करता है, जो एक अभिलेख न्यायालय है इसमे 25 न्यायाधीश और एक मुख्य न्यायाधीश होता है| जो राष्ट्रपति के सामने शपथ लेता है |
न्यायधिशो की योग्यताये | -
अनुच्छेद 124 (3) | -
भारतीय
संविधान के अनु. 124 (3) में न्यायाधीश पद के लिए निम्नलिखित योग्यताये
होनी चाहिए |
1.भारत का नागरिक हो
2.वह कम से कम 5 वर्ष तक किसी
उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो |
3.किसी उच्च न्यायालय में लगातार कम से कम 10 वर्ष अधिवक्ता रहा हो |
4.वह राष्ट्रपति की नज़र में अच्छा विधिवक्ता हो |
न्यायधिशो का पद से हटाया जाना | -
महाभियोग
अनु. 124 (4) एंव (5) में | -
किसी न्यायाधीश को हटाने के लिए संसद के दोनों सदन लोक सभा
व् राज्य सभा दोनों की कुल सदस्य स.
के बहुमत द्वारा तथा राष्ट्रपति के आदेश पर उसे पद से हटा दिया जायेगा |
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