गुंडा एक्ट क्या है।
गुंडा एक्ट का मुकदमा आधा फौजदारी और दीवानी केस होता है। जब किसी व्यक्ति पर किसी थाने में दो या दो से अधिक केस चल रहे होते है तब पुलिस उस व्यक्ति के खिलाफ गुंडा एक्ट के मुकदमे की कारवाही कर सकती है।
उपरोक्त शीर्षक वाद से यह पता चलता है कि जब किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी थाने में दो या दो से अधिक केस चल रहे हो तब पुलिस उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के मुकदमे की कारवाही कर सकती है।
गुंडा एक्ट की कारवाही।-
जो निम्नलिखित रूप से बताई गई है।-
1. पुलिस की कारवाही। -
किसी व्यक्ति के खिलाफ किसी थाने में दो या दो से अधिक केस चल रहे होते हैं तब पुलिस उसके खिलाफ गुंडा एक्ट के मुकदमे के लिए sp के पास करीब एक माह पहले ही सूचना भेज दी जाती है।
2. SP की कारवाही |-
जब किसी व्यक्ति के खिलाफ गुंडा एक्ट के केस के लिए SP के पास रिपोर्ट भेजी जाती है तब SP उस रिपोर्ट पर सोंच - समझ कर जिला अधिकारी (DM) के पास भेज देता है |
3. DM की कारवाही |-
गुंडा एक्ट का केस DM के ही न्यायालय में चलता है | SP की रिपोर्ट जिला अधिकारी को प्राप्त होती है तब जिला अधिकारी के न्यायालय से सम्मन जारी किया जाता है | सम्मन न तामिल करने पर भी पुलिस आपको गिरफ्तार नही कर सकती है |
अतः उपरोक्त विवेचना से यह स्पष्ट होता है की आपका पक्छ और पुलिस का पक्छ देखने के वाद ही जिला अधिकारी आपको जिला बदर करेगा ,और नही भी कर सकता है |
कानून की जानकरी प्रत्येक नागरिक को होनी चाहिए अधिक जानकारी के लिए- https://sharimllb.blogspot.com/?m=1
0 Comments