WELCOME TO LEGAL HELP LAW IN HINDI -
मुंबई हाई कोर्ट का एक लेटेस्ट जजमेंट -
हाई कोर्ट ने पुलिस पर हमला करने और उनका उल्लंघन करने के लिए अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया था यह डिटेल में दोस्तों मुंबई हाई कोर्ट ने अभी हाल ही में अपने एक फैसले में यह साफ कर दिया है कि अगर किसी लोकसेवक के ऊपर हमला किया जाएगा तो यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा|
IPC sections -
यह मामला एक बाप बेटे का था और इस केस की सुनवाई कर रहे थे न्यायमूर्ति एसबी कोतवाल आईपीसी की कुछ धाराएं लगाई गई थी जैसे कि आईपीसी की धारा 353 332 188 269 270 504 506 और साथ में धारा 34 भी लगाई गई थी जिनके तहत मामला दर्ज किया गया था|
F.I.R. -
और यह fir1 पुलिस कांस्टेबल के द्वारा दर्ज कराई गई थी क्योंकि जब रात को गश्त लगा रहे थे तो उन्होंने पाया कि एक किराने की दुकान खुली हुई थी और दुकानदार ने मास्क भी नहीं पहना हुआ था और बोलने के बाद भी उन्होंने ना तो मस्त है ना और ना ही दुकान बंद की और बाप बेटों ने कॉन्स्टेबल के साथ बुरा व्यवहार किया और साथ ही उन पर हमला भी कर दिया सीसीटीवी फुटेज देखी एक चश्मदीद गवाह सुने और यह कहा कि यह मामला बहुत ज्यादा गम्भीर है|
लोकसेवक -
अगर कोई लोकसेवक अपना कर्तव्य निभा रहा है तो उसे ऐसा करने से रोका नहीं जा सकता और उस पर हमला करना तो बहुत ही दूर की बात है जो कि इस केस में किया गया राशि बर्दाश्त के काबिल ही है और इस तरह से उनके द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया गया तो जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी पुलिस वाले पर जबकि वह ड्यूटी कर रहा है हमला करना एक दंडनीय अपराध होता है और इसमें में बंबई हाईकोर्ट ने साबित किया है |
0 Comments