> '/> Crpc कि धारा 437 (गैर जमानती) क्या है? Crpc ki dhara 437 (gair jamanti) kya hai ?

Crpc कि धारा 437 (गैर जमानती) क्या है? Crpc ki dhara 437 (gair jamanti) kya hai ?

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 You are welcome once, your own website, today we will talk about CRPC section 437 of the Criminale penal court. What is it? It gives citizens rights to cones.

 गैर जमानती  -

Crpc कि धारा 437 (गैर जमानती)  क्या है Crpc ki dhara 437 (gair jamanti) kya hai


Crpc धारा 437 -


धारा 437 के ऊपर यानी कि सीआरपीसी की धारा 437 के ऊपर ऐसे गंभीर प्रकृति के अपराध नहीं होती है वह अपराध धारा के अपराध से जाते हैं ए चोरी करने के लिए करने से इसमें जमानत भारतीय दंड संहिता की धारा 437 के अंतर्गत मिलती है |


Explain -

 तो चलिए जानते हैं कि धारा 437  के अंतर्गत किस तरह से की जाती है और इसके अंतर्गत कौन कौन से अपराध आते हैं किस तरह से well मिलती है | गैर जमानती अपराध की कोई परिभाषा नहीं दी गई है इसलिए हम कह सकते हैं कि ऐसा अपराधी प्रवृत्ति कर दिया गया है व्यक्ति जिस पर आ जमानती अपराध का अभियोग लगा है या जिस पर ऐसा शक है कि उसने आ जमानती अपराध किया है \

 गैर जमानती धारा 437 सीआरपीसी में जमानत कूट से लेना क्रिमिनल प्रैक्टिस में सबसे मुश्किल काम होता है सबसे पहले एक एप्लीकेशन जिसमें कि सबसे पहले ही के लिखा हो कि आरोपी कितने समय से जेल में है और यह आरोपी की पहली एप्लीकेशन है और दूसरी एप्लीकेशन हो तो ऐसी कंडीशन में दूसरी एप्लीकेशन लिखा जाना चाहिए सबसे पहले यह जरूर लिखकर बताएं |

 यह बहुत जरूरी होता है कि यह आपके खिलाफ क्यों किया गया ताकि यह सच नहीं है f.i.r झूठी है जैसे कि अगर आप पर मार पिटाई लगाने का आरोप लगाए तो आपने जख्मी होने का भी एमएलसी रिपोर्ट जरूर तैयार करवाए और कोर्ट के सामने दिखाएं आपने उसे अपने साथियों के साथ मिलकर पूरी तरह पीटा था तो आप को भी चोटें लगी हैं इसके लिए आप सीसीटीवी कैमरे की कोई रिकॉर्डिंग हो तो उस का सहारा ले या फिर कोई मोबाइल लोकेशन हो तो उसका सहारा भी ले सकते हैं|

चार्जशीट -

 गिरफ्तारी होने के बाद एजेंसी को छोटे अपराधों में और जघन्य अपराधों में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करनी है चार्जशीट फाइल नहीं की गई है तो आरोपी को जमानत दिए जाने का प्रोबेशन किया गया है एफ आई आर दर्ज होने के बाद आमतौर पर गंभीर अपराध में जमानत नहीं मिलती यह दलील दी जाती है कि मामले की छानबीन चल रही है और आरोपी से पूछताछ की जा सकती है एक बार अगर चार सीट फाइल होने के बाद यह तय हो जाता है कि आरोपी से पूछताछ होनी है चार सीट फाइल कर दी गई हो तो जमानत केस की मेरिट पर ही तय होता है किसकी के स्टेज पर जमानत दी जाएगी इसके लिए कोई भी व्याख्या नहीं की गई है लेकिन आम तौर पर 3 साल तक कैद की सजा के प्रोविजन वाले मामलों में मजिस्ट्रेट की कोर्ट से जमानत मिल जाती है |

अगर आपका यह पहला जुर्म है तो -

अगर आपका यह पहला जुर्म है तो जमानत लेने का एक आधार बन जाता है आप बेल के लिए अपनी टैक्स रिटर्न या फिर अपने पर आश्रित परिवार के लोगों या फिर कम उम्र का सहारा भी ले सकते हैं अपराधी जमानत लेने में सबसे बड़ी बाधा पुलिस तो कोर्ट आप को बेल देने का मन बना सकती है कोर्ट में बैठे हुए जज का हर अपराधी को देखने का अपना नजरिया होता है अगर कोई चेंज अपराधियों को बेल देने में कुछ ज्यादा रहती है ऐसे जिसका समय आने पर ही बेल लगाएं क्योंकि जमानत ना मिलने से तो अच्छा है कुछ दिन तैयार कर ही जमानत ले ली जाए लिया जमानत मिलना पूरी तरह से आपके ऊपर होता है  और अपनी बातें रखता है का अंदेशा हो तो चार्ज  होने के बाद ही जमानत नहीं मिलती ट्रायल के दौरान अहम गवाहों के बयान अगर आरोपी के खिलाफ हो तो भी आरोपी को जमानत नहीं मिलती है|

 इसे तय करने का कोई सटीक कानून भी नहीं है और पीड़िता ट्रायल के दौरान होकर जाए तो आरोपी को जमानत मिल सकती है लेकिन अगर वह आरोपी के खिलाफ बयान दे दे तो जमानत मिलने की संभावना बिल्कुल खत्म हो जाती है क्या जमानती अपराध में जमानत दी जाए और किसे  है और इसे तय करने का कोई अधिकार भी नहीं है यह पूरी तरह से आपके विवेक पर निर्भर करता है और और परिस्थितियों पर निर्भर करता है कि वह किस तरह से कोर्ट में रखे जाते हैं और पेश किए जाते हैं कई बार हमारे सामने ऐसी कंडीशन आती है जब आपको अपराधी को सबक सिखाने के लिए जमानत का विरोध करना पड़ता है |

अगर शिकायतकर्ता लड़की है तो -

अगर शिकायतकर्ता लड़की है तो वह गैर जमानती अपराध धारा 437 सीआरपीसी में बेल जमानत का विरोध करने के लिए कोर्ट की ओर से आप को नोटिस जाएगा लेकिन शिकायतकर्ता कोई पुरुष है तो वह कोर्ट में एक एप्लीकेशन को लगा सकता है जिसके अंदर यह है कि आरोपी की एप्लीकेशन लगाई जाएगी आपको कोर्ट की तरफ से एक नोटिस मिल जायेगा और बैल एप्लीकेशन का विरोध करते समय उनको दिखाएं कोर्ट में पूछे जाने वाले सवालों के जवाब बहुत ही शालीनता से और सामर्थ्य देता कि कोर्ट को यह लगे कि आप सही हैं|

 कोर्ट को यह बताएं कि अगर अपराधी को जमानत मिल गई तो वह किस तरह से उसका दुरूपयोग कर सकता है और गवाहों और सबूतों को मिटा सकता है मान लीजिए अगर अपराधी को भेज देता है तो आप ऊपर की कोर्ट में अपील खारिज करवाने के लिए एप्लीकेशन भी लगा सकते हैं सरकारी वकीलों पर पूरी नजर रखे वह अपराधी की तरफदारी करते हैं उनकी शिकायत कर सकते हैं उनका ट्रांसफर करवाया जा सकता है|


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