> '/> ओडिशा सरकार बनाम सुरेन्द्र मुंडा, Odisha sarkaar vs surendra gunda.

ओडिशा सरकार बनाम सुरेन्द्र मुंडा, Odisha sarkaar vs surendra gunda.

WELCOME TO LEGAL HELP  LAW IN HINDI 


ओडिशा सरकार बनाम सुरेन्द्र मुंडा,



 *LEGAL Update -


*विलम्ब और लिमिटेशन पर  करते वक्त अभियुक्त को उसके अपील के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट*


⚫सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि विलम्ब और निर्धारित समय सीमा (लिमिटेशन) पर विचार करते वक्त अभियुक्त को उसके अपील के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। 


🔴इस मामले में अभियुक्त को हत्या का दोषी ठहराया गया था और और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दोषी ने उड़ीसा हाईकोर्ट के समक्ष अपील फाइल की थी। 


🔵हाईकोर्ट ने अपील फाइल करने में 1192 दिनों की देरी को आधार बनाकर उसे खारिज कर दिया था। 


🟣सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में मेरिट के आधार पर विचार नहीं किये जाने के तथ्य का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट का फैसला निरस्त कर दिया और अपील पर फिर से सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के पास भेज दिया। जिसके बाद ओडिशा सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी।


🟤अपनी पुनर्विचार याचिका में राज्य सरकार ने दलील दी थी कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अन्य मामलों के फैसलों पर दूरगामी प्रभाव होगा। 


*लेकिन न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ने पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा :*


🟢"आपराधिक मामले में जहां एक व्यक्ति की जिंदगी और स्वतंत्रता का सवाल खड़ा हो, वहां उसके अपील के अधिकार को हमेशा स्वीकार किया जाता रहा है और इस अधिकार को अक्षुण्ण रखने के लिए कदम अवश्य उठाए जाने चाहिए। 


🟠विलम्ब और निर्धारित समय सीमा (लिमिटेशन) पर विचार करते वक्त अभियुक्त को उसके अपील के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।" 


*केस नंबर : रिव्यू पिटीशन (क्रिमिनल) डी. नंबर 4235/ 2020* 


*केस का नाम : ओडिशा सरकार बनाम सुरेन्द्र मुंडा*


*कोरम : न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा*


MORE


THANK YOU

0 Comments