> '/> आपराधिक मानहानि - criminal defamation.

आपराधिक मानहानि - criminal defamation.

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 You are welcome once, your own website, today we will talk about IPC section 499,500 of the Indian penal court. What is it? It gives citizens rights to cones.


criminal defamation


मानहानि  -


भारतीय दण्ड संहिता 1860 धारा 499 -


किसी व्यक्ति पर झूठा आरोप लगाना और उसकी मान प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाना अपराध  माना गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धन संपत्ति का हिस्सा समझा गया है इसलिए अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित करता है, तो यह अपराध की श्रेणी में आ जाता है । 

 मानहानि के लिए क्या कानून  है - 

  अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति दूसरों के सामने गाली देता  है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति पर मानहानि का आरोप लगाया जाएगा ।

 किसी व्यक्ति पर यह आरोप लगाना कि उसने आत्महत्या करने  की कोशिश की , या अपनी देनदारी अदा करने से इनकार किया , या कोई स्त्री और  पुरुष अनैतिक बदचलन है या फिर उसके  चाल चलन पर शक के दायरे में है या फिर कोई पुरूष महिलाओं के प्रति अनुचित रूप से दिलचस्पी लेता है , या कोई व्यक्ति  अपनी पत्नी से झगड़ा करता  रहता है , या कोई व्यक्ति शराबी है।

उपर्युक्त यह सभी मानहानि के दायरे में आते  हैं ।

इसके बारे में कहा गया है कि ऐसा करने वाले व्यक्ति की शिकायत करें । क्योंकि मानहानि एक अपराध है ।

मानहानि संबंधी अपराध का मामला फौजदारी केस यानी कि क्रिमिनल केस criminal case) भी हो सकता है , और सिविल केस का भी हो सकता है। 


मानहानि अपराध के लिए दण्ड -   

   धारा 500 -


मानहानि के लिए सजा का निर्धारण भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के अन्तर्गत किया जाता है , अगर कोई एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को क्षति करित करने का आरोपी माना जाता है , तो उस व्यक्ति को 2 साल के लिए कारावास और जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है। 

धारा 354 बी के अनुसार - जुर्माने का एक हिस्सा शिकायत करने वाले व्यक्ति को या  उस व्यक्ति को अदा करने का आदेश दिया जा सकता है,  जिस व्यक्ति की मानहानि को ठेस पहुंची हो । 


मानहानि अपराध के तीन महत्वपूर्ण तत्व है|

मानहानि अपराध के तीन महत्वपूर्ण तत्व होते हैं- 


1. मानहानि से संबंधित सामग्री  किसी तीसरे व्यक्ति या बाहरी व्यक्ति को बताना या  किसी अन्य व्यक्ति को बदनाम करने की मंशा से भेजी हुई सामग्री को मानहानि अपराध माना जाता  है।


2.   जब   किसी  दूसरे व्यक्ति द्वारा प्रतिष्ठा क्षति करीत सामग्री को  प्रकाशित कर दिया जाता है। तो यह अपराध कारीत मानहानि होती है। 


3.ऐसी कोई कार्यवाही जो दूसरे व्यक्ति को बदनाम करने की मंशा से की गई हो भले ही ऐसा करने में  उसे कामयाबी ना मिले , और इससे बदनाम किए जाने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। तो  यह मानहानि का अपराध माना जाएगा ।


लोगों का समूह या फिर संगठन भी मानहानि का शिकार बन सकता है, मानहानि के संबंध  में यह भी बताया गया है कि आरोपी इस प्रकार अपनी सफाई दे सकता है , कि अगर लोक हित में कोई सही बयान प्रकाशित किया जाता है तो यह अपराध  मानहानि नहीं होता है। किसी मंत्री के आपराधिक अपील या फिर सरकारी ठेके में भ्रष्टाचार का उदाहरण देना, सरकारी कर्मचारी के कामकाज पर टिप्पणी करना , अगर कोई मंत्री के साथ मौज मस्ती करते पाया जाता है , तो उसे चरित्र पर टिप्पणी की जा सकती है , और देश की सुरक्षा से संबंधित मामला है , यह सब मानहानि  कहलाता  है । कोर्ट के फैसले की परख और गवाहों के बयान के विषय में चर्चा की जा सकती है , किसी भी लेखक द्वारा लिखी गई पुस्तक की आलोचना मानहानि में नहीं आता है।इसी  तरह गायकी गायकी और कलाकार के अभिनय की आलोचना मानहानि के दायरे में नहीं आता।

और  अगर अभिभावक द्वारा बच्चों को दंड देना और शिक्षक द्वारा छात्रों के हित में ऐसे शब्दों  का प्रयोग करना,  दूसरों की भलाई करने के लिए अच्छी मंशा से कोई आरोप लगाता है। तो उसे मानहानि नहीं माना जाएगा।


Civil law -


 सिविल लॉ के तहत मानहानि का उपचार व्यक्ति को हर्जाना देना है, जिसकी छवि को ठेस पहुंचाई गई है। कोर्ट  हर्ज�

 (Civil law) सिविल लॉ के तहत मानहानि का उपचार व्यक्ति को हर्जाना देना है, जिसकी छवि को ठेस पहुंचाई गई है। कोर्ट  हर्जाने की राशि को तय करता है । सिविल कोर्ट में इन मामलों का फैसला देरी से होता है, और यह काफी खर्चीला साबित होता है , कम से कम लोग इन मुकदमों को गंभीरता से लेते हैं । मानहानि का अपराध  आलोचकों को डराने या फिर बदला लेने के लिए किया जाता है।हर्जाने की राशि के आधार पर यह मुकदमा दाखिल करने की निश्चित कोर्ट फीस चुकानी पड़ती है।

मानहानि व्यक्ति की प्रतिष्ठा को क्षति कारित करती है।



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