> '/> झूठे केस में सम्मन तामील करे या नहीं,,?

झूठे केस में सम्मन तामील करे या नहीं,,?

सम्मन क्या होते है?


जब कोर्ट में कोई आपके खिलाफ कारवाही की जाती है और उस कारवाही की आपको जिससे सूचना दी जाती है उसे सम्मन कहते है। सम्मन से सूचित किया जाता है कि आपके खिलाफ कोर्ट में कोई कारवाही की जा रही है जिसमें दिनांक 00/00/20.. को आप अपनी जमानत करवा ले । सम्मन आपको तब भेजे जाते है जब आपके किसी मुकदमे में पुलिस चराशीत कोर्ट में पेश करती है और सम्मन आपको इस लिए भेजे जाते ताकि आप अपनी जमानत करवाए और अपने आप को निर्दोष  साबित करें। 

सम्मन तामील करें-

जब कोई सूचना कोर्ट से (सम्मन) द्वारा आपको मिलती है तो आप गवड़ाए नहीं बल्कि सम्मन तामील करें और जिस दिनांक के सम्मन  हो उसी दिनांक पर जमानत करवालें और जमानत करवाने के बाद अपनी दलीलें व गवाहों के जरिए आप खुद को निर्दोष साबित करें। जब कोई FIR होती है तो उसकी सूचना पुलिस  कोर्ट में देती हैं । उस सूचना के आधार पर आप खुद को कोर्ट में आत्म समर्पण कर सकते है।

सम्मन तामील न करें। -



यदि आप सम्मन तामील नहीं करते तो भी सम्मन तामील माना जाएगा। कुछ लोग यह मानते है की यदि हम सम्मन तामील नहीं करते है तो हमारे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन उनका यह सोचना गलत है यदि आप सम्मन तामील नहीं करते है तो सम्मन तामील मान लिया जाता है और आपके खिलाफ वारंट जारी कर दिया जाता है जिससे पुलिस आपको कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।

            इससे यह पता चलता है कि सम्मन न तामील करने से आपको हानि उठानी पड़ सकती और यदि आप सम्मन तामील कर लेते है और जमानत करा लेते है तब आप अपने बचाओ के लिए दलील पेश कर सकते है। और कोर्ट भी आपके साथ होता है।और जिसने आपके खिलाफ झुठा केस दर्ज करवाया है वो आसानी से तो उसे सिद्ध नहीं करवा पाएगा, और आप भी उसमें से अपना बचाव कर सकते है।

कानून की जानकरी प्रत्येक नागरिक को होनी चाहिए अधिक जानकारी के लिए- https://sharimllb.blogspot.com/?m=1

0 Comments