वारंट क्या होता है?What is a warrant? By sharimllb
जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए न्यायालय द्वारा पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति को लिखित रूप से बताया जाता है , उसे वारंट कहा जाता है। जिसकी प्रक्रिया CRPC की निम्नलिखित धाराओं में दर्शाई गई है।-
धारा 70-
गिरफ्तारी के वारंट का प्ररुप और अवधि-
( 1 ) न्यायालय द्वारा इस सहिंता के अधीन जारी किया गया गिरफ्तारी का प्रत्येव वारंट लिखित रूप में और ऐने न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होगा ओर उस पर उस न्यायालय की मुद्रा लगीं होगी ।
(2) ऐसा प्रत्येक वारंट तब तक प्रवर्तन में रहेगा जव तक वह उसे जारी करने वाले न्यायालय द्वारा रद्द नहीं कर दिया जाता है य जव तक वह निप्यादित नहीं कर दिया जाता हे ।
धारा 71.
लिए जाने का निदेश देने की शमिता-
(1) किमी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी करने वाला कार्ड न्यायालय वारंट पर पृष्ठाकन द्वारा म्यविवेकानुसारं यह निर्दश दे सकता है कि यदि वह व्यक्ति न्यायालय क समक्ष विनिर्दिष्ट समय पत्र और तत्पप्रचात् जब तक न्यायालय द्वारा अन्यथा निदेश नहीं दिया जाता हे तव तक अपनी हाजिरी के लिए पर्याप्त प्रतित्रुओं मढिरु
बंधपत्र निष्पादित करता है तो वह अधिकार जिसे वारंट निर्दिष्ट किया गया हे, एवी प्रतिभूति लगा और उस व्यक्ति का अभिरक्षा से छारु देगा ।
(2) पृष्ठ में निम्नलिखित बातें कथित होगी :…
(क) प्रतिभूओं की संख्या
(ख) वह रकम, जिसके लिए क्रमश: प्रतिभू और वह व्यक्ति, जिसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया गया है, आबद्ध होने हैं ।
(ग) वह समय जव न्यायालय के समक्ष उसे हाजिर हाना हे ।
(3) जव कभी इस धारा के अधीन प्रतिभूति ली जाती है तव वह अधिकारी जिसे वारंट निदिष्ट हे बंधपत्र न्यायालय के पास भेज देगा ।
धारा 72. -
वारंट किसकी निदिष्ट होंगे-
(1 )गिरंफ्तारी का वारंट मामूली तौर पर एक या अधिक पुलिम अधिकारियों को निदि'त्र होगा : किंतु यदि एसे वारंट का तुरंत निष्पादन आवश्यक हैं और कार्ड पुलिम अधिकारी तुरंत न मिल सके तो वारंट जारी करने वाला न्यायालय किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों को उसे निदिष्ट कर सकता है और ऐसा व्यक्ति या एसे व्यक्ति उसका निध्यादन करेंगें ।
(1 )गिरंफ्तारी का वारंट मामूली तौर पर एक या अधिक पुलिम अधिकारियों को निदि'त्र होगा : किंतु यदि एसे वारंट का तुरंत निष्पादन आवश्यक हैं और कार्ड पुलिम अधिकारी तुरंत न मिल सके तो वारंट जारी करने वाला न्यायालय किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों को उसे निदिष्ट कर सकता है और ऐसा व्यक्ति या एसे व्यक्ति उसका निध्यादन करेंगें ।
(2) जव वारंट एक मे अधिक अधिकारियो या व्यक्तियों को निदिष्ट है तव उसका निप्यादन उनके द्वारा या उनमें से किसी एक या अधिक के द्वारा किया जा सकता है ।
धारा 73.-
वारंट किसी भी व्यक्ति को निदिष्ट हो सकेगें-
1.मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रट या प्रथम वर्ग मजि० किसी निकल भागे सिद्धदाष. उद्धाग्रित अपराधी या किसी ऐसे व्यक्ति की जो किसी अजमानतीय अपराध के लिए अभियुक्त है और गिरफ्तारी से वच रहा है।
गिरफ्तारी करने के लिए वारंट अपनी स्थानीय अधिकारिता के अंदर के किसी भी व्यक्ति को निदिष्ट कर सकता है ।
(2) ऐमा व्यक्ति वारंट की प्राप्ति को लिखित रूप में अभिम्बीकारं करमा और यदि वड व्यक्ति. जिसकी गिरफ्तारी के लिए वह वारंट जारी किया गया हैं, उनके भारसाधन के अधीन किमी भूमि या अन्य संपति मै है या प्रवेश करता हैं तो वह उस वारंट का तिध्यादन करेगा
धारा 75.
वारंट के सार की सूचना-पुलिन अधिकारी या अन्य व्यक्ति, जो गिरंफ्तारी के वारंट का निप्यादन कर रहा है, उस व्यक्ति को जिसे गिरफ्तार करना है, उसका सार सूचित करेगा और यदि एसी अपेक्षा की जातीं है तो वारंट उस व्यक्ति को दिखा देगा।
धारा 77.-
गिरफ्तारी
का वारंट भारत के किसी भी स्थान में निष्पादित किया जा सकता है ।
कानून की जानकरी प्रत्येक नागरिक को होनी चाहिए अधिक जानकारी के लिए- https://sharimllb.blogspot.com/?m=1
1 Comments
Hi
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