> '/> पलिस के बारे में सामान्य ज्ञान |

पलिस के बारे में सामान्य ज्ञान |

WELCOMED TO LEGAL HELP LAW



 पलिस के बारे में सामान्य ज्ञान -


 पुलिस कौन है पुलिस व्यक्तियों का समूह है जिनका चयन और प्रशिक्षण कानून और व्यवस्था तथा जनता की सेवा के लिए किया जाता है और जनता की समस्याओं का निपटाने का कार्य करती है तो आइये हम जानते हैं पुलिस के मुख्य कार्य क्या क्या है 


1 अपराध निरोधी एवं अपराधों की विवेचना करना | 


 2 यातायात नियंत्रण करना |


3 राजनीतिक सूचनाओं का एकत्रीकरण कर राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा करना |


4 जनता की जान माल व आजादी की सुरक्षा करना |

 

 5 किसी सक्षम प्राधिकरण अधिकारी द्वारा जारी किए गए हर कानूनी आदेश और वारंट को निष्पादित करना |


पुलिस विभाग के अंतर्गत आने वाला विभाग की कानून व्यवस्था को संभालने का काम पुलिस के हाथ होता है आपराधिक गतिविधियों को रोकने अपराधियों को पकड़ने अपराधियों द्वारा किए जाने वाले अपराध अधिक संपत्ति की रक्षा करना जो अपराधी है उनके अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त Evidence जुटाना ही पुलिस का कार्य होता है |


अपराधी घोषित करने के बाद उस व्यक्ति को अदालत को सौंप दिया जाता है यह समूह न्याय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कार्य करता है लेकिन किसी अपराधी को सजा देना पुलिस का काम नहीं होता है सजा देने के लिए अदालतों को पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ जुटाए गए पुख्ता सबूतों और जानकारी पर निर्भर रहता है इन्हीं सबूतों के आधार पर ही किसी व्यक्ति को अपराधी घोषित किया जाता है|


पुलिस कैसे कार्य करती है


जब किसी अपराध की सूचना थाने के वरिष्ठ अधिकारी को मिलती है तो वह अधिकारी सबसे पहले सीआरपीसी की धारा 154 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करता है


गवाहो की थाने में हाजिरी -


अपराध की जांच करने के लिए पुलिस अधिकारी द्वारा सीआरपीसी की धारा 160 के तहत एक नोटिस जारी किया जाता है और उस नोटिस द्वारा साक्षियों को यह बताया जाता है कि अपराध की जांच के लिए उनकी परीक्षा की जाएगी अतः वे थाने में आकर अपराध की जांच में सहयोग करें|


साथियों की परीक्षा -


सीआरपीसी की धारा 161 के तहत साथियों से सवाल जवाब किए जाते हैं जिससे यह ज्ञात हो जाए की अपराध हुआ है कि नहीं कौन सा अपराध हुआ है और किसने अपराध किया है


आरोप पत्र का समय -


आरोप पत्र को चार्ज शीट भी कहा जाता है सीआरपीसी की धारा 167 मैं यह बताया गया है कि आरोप पत्र कितने समय में पेश किया जाना चाहिए अलग-अलग अपराधों मैं अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है


जांच को समाप्त करना -


जब पुलिस अधिकारी या जांच अधिकारी को यह पता चल जाए क्या अपराध हुआ है और कैसे हुआ है वह किसने किया है या अपराध नहीं हुआ है जांच अधिकारी सीआरपीसी की धारा 168 के तहत जांच को समाप्त कर देगा


आरोप पत्र को न्यायालय में दाखिल करना -


सीआरपीसी की धारा 168 के तहत जब जांच अधिकारी  जांच समाप्त कर देता है तो वह सीआरपीसी की धारा 173 के तहत न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करता है|


निष्कर्ष -


अतः उपरोक्त विवेचना से हम यह जानते हैं कि किसी आपराधिक मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाने में पुलिस की अहम भूमिका रहती है और यह एक ऐसा समूह है जो न्याय व्यवस्था के लिए अति आवश्यक कार्य को पूर्ण करता है|


MORE


0 Comments