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You are welcome once, your own website, today we will talk about IPC section 393 of the Indian penal court. What is it? It gives citizens rights to cones.
भारतीय दण्ड संहिता 1860 -
धारा - 394 -
आई पी सी में अलग-अलग अपराधों के लिए अलग-अलग तरह की सजाओं का प्रोविजन किया गया है , परन्तु प्रत्येक अपराध की एक निश्चित और निर्धारित सजा भी होती है ।
Explain -
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 394 की परिभाषा इस प्रकार है - कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से लूट का सामान प्राप्त करता है, और उसे नुकसान करता है । इस धारा 394 के अंतर्गत वह व्यक्ति दोषी होता है , कि इस अपराध में चाहे कितने भी आरोपी हो, लिखें आरोपियों को सजा इस धारा के अंतर्गत मिलेगी। जिसने किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचाई होगी । उस दौरान संयुक्त रूप से या फिर अकेले किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचाई जाती है । तब यह धारा लागू हो जाती है।
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 394 के अंतर्गत आते यह अपराध किसी भी तरह से समझौता योग्य नहीं होते हैं, इन अपराधो की सुनवाई का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होता है।
इस अपराध में सजा का प्रावधान-
इस अपराध के लिए आरोपी को आजीवन कारावास से लेकर 10 साल तक कठोर कारावास और उस पर जुर्माना भी लगाया जाता है।
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