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You are welcome once, your own website, today we will talk about IPC section 489 of the Indian penal court. What is it? It gives citizens rights to cones.
IPC कि धारा 489 क्या है IPC ki dhara 489 kya hai ? -
करेंसी नोटों और बैंक नोटों के विषय में -
भारतीय दण्ड संहिता - धारा 489 A -
कुछ कानून और कुछ काम तो ऐसे भी होते हैं , जो कि एक राज्य में तो अपराध माने जाते हैं, लेकिन दूसरे राज्य में जाकर वह एक सामान्य बात होती है।
जैसे भारत में नकली नोट छापना एक अपराध है लेकिन जब भारत के अंतर्गत जो विदेशी मुद्रा बनाई जाती हैं तो क्या यह कार्य अपराध होता है या नहीं ?
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 489 A के अनुसार -
अगर कोई व्यक्ति किसी भी देशी या फिर विदेशी मुद्रा को बदल देगा यह बदलने की कोशिश करेगा । तो वह व्यक्ति इस धारा 489 A के अंतर्गत दोषी होगा । क्योंकि ऐसा करना एक अपराध है।
भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 489 B के अनुसार -
अगर किसी व्यक्ति के नकली नोट मिलते हैं , और उसे यह पता नहीं होता कि वह नकली नोट है और दूसरा जिसे पता होता है कि जानबूझकर मार्केट में आने की कोशिश करता है । तो ऐसा करने वाला व्यक्ति अपराधी सिद्घ होता है। इस तरह के लोगों को सजा दी जाएगी।
एक ऐसी नकली या फिर जाली करेंसी को यह जानते हुए कि यह नकली नोट है उस नोट को भेजेगा या खरीदेगा उसको उपयोग में लाने की कोशिश भी करेगा, तो वह व्यक्ति आईपीसी की धारा 489 B के अंतर्गत अपराधी होगा। और यह अपराध में किसी भी तरह से समझौता नहीं होता है।
सज़ा -
इस अपराध की सुनवाई का अधिकार केवल शेसन कोर्ट के पास होता है ,इस अपराध के लिए आजीवन कारावास या 10 साल का कारावास या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है।
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