Welcom to legal help law in hindi. -
You are welcome once, your own website, today we will talk about IPC section 250,251 of the Indian penal court. What is it? It gives citizens rights to cones.
IPC की धारा 250,251 क्या है? IPC ki dhara 250 , 251 kya hai? -
ऐसे सिक्के का परिदान को इस ज्ञान के साथ कब्जे में आया हो कि उसे परिवर्तित किया गया है-
खोटे सिक्के यानी कि ऐसे सिक्के जिसकी धातु में परिवर्तन कर दिया गया है ,यानि कि उसको बनाने में जिस धातु का इस्तेमाल किया जाता है उसके अंदर मिलावट की गई है।
*भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 250 -
जब कोई व्यक्ति बाजार में इस तरह के खोटे सिक्के चलाने की कोशिश करता है तो यह एक गंभीर अपराध माना जाता है लेकिन सिक्कों के मामले में अगर भारतीय सिक्के हैं या फिर विदेशी सिक्के हैं तो उनके बीच में अंतर होता है ।
सिक्को का मूल्य चाहे कुछ भी हो लेकिन अगर वह विदेशी है तो सजा का प्रावधान I.P.C की धारा 250 के अंतर्गत किया गया है ।
और अगर वहीं सिक्के भारतीय हैं तो उसकी सजा I.P.C की धारा 251 के तहत किया गया है।
*भारतीय दण्ड संहिता की धारा 250 के अनुसार -
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी विदेशी सिक्के को चलाता है या किसी को देता है या अपने पास रखता है तो ऐसा करने वाला व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी माना जाएगा ।
*भारतीय दण्ड संहिता की धारा 251 ए के अनुसार-
अगर कोई व्यक्ति किसी सिक्के को चलाता है , या किसी को देता है, या फिर अपने पास रखता है, तो ऐसा करने वाला व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा ।
सजा का प्रावधान -
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 251 और 250 के अनुसार अपराधी होते हैं। और करने वाले व्यक्ति को 5 साल की सजा होती है और जुर्माना भी लगाया जाता है। यह संज्ञेय अपराध होता है । और इसकी सुनवाई कोर्ट के द्वारा की जाती है।
0 Comments